Rajasthan : बाड़मेर में हुए कमलेश प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर ने एक बार फिर पश्चिमी राजस्थान के दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश चौधरी को सुर्खियों में ला दिया है. कोर्ट ने CBI को हरीश चौधरी और उनके भाई की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं. अब सवाल उठ रहा है कि क्या पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी इस मामले में फंस जाएंगे? इस खबर में हम जानेंगे कि आखिर क्या है इस मामले की सच्चाई और कैसे यह मामला पश्चिमी राजस्थान की सियासत को पूरी तरह से बदल सकता है.
22 अप्रैल 2021 की रात बाड़मेर में कमलेश प्रजापति का एनकाउंटर हुआ. पुलिस का दावा था कि कुख्यात तस्कर कमलेश प्रजापति ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया और एसयूवी से भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग में उसे मार गिराया. सीबीआई ने भी अपनी क्लोजर रिपोर्ट में बताया था कि जांच के दौरान मिले सबूतों से यह साबित करना मुश्किल है कि कमलेश प्रजापति फर्जी एनकाउंटर में मारा गया. लेकिन कमलेश की पत्नी जसोदा ने इसे फर्जी एनकाउंटर करार देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की.
16 अप्रैल 2025 को जोधपुर की विशेष अदालत ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी और 2 आईपीएस अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी और तत्कालीन IG नवज्योति गोगोई की भूमिका की जांच के भी आदेश दे दिए. कोर्ट के इस फैसले के बाद हरीश चौधरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
फर्जी एनकाउंटर में अपनी भूमिका पर क्या बोले हरीश चौधरी?
कमलेश प्रजापति फर्जी एनकाउंटर में फंसते दिख रहे हरीश चौधरी ने इन आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में हरीश चौधरी ने कहा है कि यह जांच मेरे खिलाफ नहीं, बल्कि एक मामले में जांच हो रही है. तीन बार जांच हो चुकी है. चौथी बार कोर्ट के माध्यम से जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. अंत में न्यायालय फैसला करेगा. मुझे इसके संदर्भ में कोई भी जानकारी नहीं मिली है.
अब बात करते हैं कि 4 साल पहले इस मामले को लेकर हरीश चौधरी ने क्या कहा था? जब कमलेश प्रजापति एनकाउंटर को लेकर सीबीआई जांच चल रही थी तब भी हरीश चौधरी ने कहा था कि इस मामले में अगर मैं गुनाहगार हूं, फांसी हो जाए तो अफसोस मत करना, लेकिन मैं गलत नहीं हूं. जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी होगा, तब अगर हरीश चौधरी गलत है तो जेल जाएगा. हरीश चौधरी गलत नहीं है और बरी होता है तो इस विवाद के पीछे जो कोई भी ताकत हैं, उनको सामने आकर समाज को जवाब देना चाहिए.
क्या खतरे में है हरीश चौधरी का सियासी करियर?
CBI को अब दो महीने में हरीश चौधरी और उनके भाई की भूमिका की जांच कर रिपोर्ट सौंपनी है. अगर जांच में चौधरी की भूमिका साबित हुई तो उनका सियासी करियर खतरे में पड़ सकता है. कोर्ट ने साफ कहा है कि पुलिस ने साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की और जांच को गुमराह किया. अब जनता और कोर्ट की नजर हरीश चौधरी पर टिकी है. यह मामला न सिर्फ चौधरी, बल्कि कांग्रेस की साख का भी सवाल बन गया है. अब CBI की जांच ही हरीश चौधरी की सियासी जिंदगी का फैसला करेगी.
