क्या है भारत के S-400 की खासियत जिसने पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को किया नाकाम?

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S-400 : पाकिस्तान ने गुरुवार रात जैसलमेर, पोखरण, नाल, फलोदी और उत्तरलाई जैसे अहम ठिकानों को मिसाइलों और ड्रोन्स से निशाना बनाने की कोशिश की. लेकिन भारत पहले से तैयार था. भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने जैसे ही खतरा भांपा, तुरंत S-400 मिसाइल सिस्टम को एक्टिव कर दिया गया. सिर्फ कुछ ही सेकंड्स में सभी मिसाइलों को हवा में ही इंटरसेप्ट कर राख कर दिया गया. इस खबर में हम जानेंगे कि क्या है भारत के S-400 मिसाइल सिस्टम की खासियत जिसने पाकिस्तान के मंसूबों को कुचल दिया.

S-400 रूस द्वारा निर्मित एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है 400 किलोमीटर की रेंज और एक साथ 160 टारगेट्स को ट्रैक करने की क्षमता. यह सिस्टम रोड मोबाइल है यानी किसी भी लोकेशन पर जल्दी से डिप्लॉय किया जा सकता है. भारत ने रूस से इसकी 5 यूनिट्स की डील 2018 में 40 हजार करोड़ रुपये में की थी. आज इसका परिणाम सबके सामने है. जैसे ही पाकिस्तान ने हमला किया, S-400 के रडार ने खतरे को डिटेक्ट किया और 5 मिनट के अंदर मिसाइल लॉन्च कर दी गईं.

S-400 की एक यूनिट में कमांड और कंट्रोल सिस्टम, सर्विलांस रडार, गाइडेंस रडार और मिसाइल लॉन्चर शामिल होते हैं. यह सिस्टम 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक और 400 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी खतरे को खत्म कर सकता है. इसमें चार रेंज की मिसाइलें होती हैं शॉर्ट, मीडियम, लॉन्ग और वेरी लॉन्ग रेंज. भारत को जो 40N6E मिसाइल मिली है, वह 400 KM दूर से टारगेट को तबाह कर सकती है. इसकी वजह से ही पाकिस्तान की मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर दिया गया.

पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को किया तबाह

वहीं पाकिस्तान ने चीन से खरीदा HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम लाहौर में तैनात कर रखा था. जब भारत ने जवाबी कार्रवाई की, तो सबसे पहले इसी HQ-9 को निशाना बनाया गया. भारतीय सेना की जवाबी स्ट्राइक में लाहौर का यह सिस्टम पूरी तरह तबाह हो गया. पाकिस्तान को यह संदेश मिल गया कि अब भारत केवल बचाव नहीं, आक्रामक कार्रवाई भी करेगा और वो भी दुश्मन के घर में घुसकर.

कैसे काम करता है S-400?

अब बात करते हैं कि आखिर S-400 काम कैसे करता है? जैसे ही दुश्मन का कोई ड्रोन, फाइटर जेट या मिसाइल S-400 के कवच में प्रवेश करता है तो सर्विलांस रडार उसे पहचान लेता है. फिर कमांड व्हीकल को अलर्ट भेजा जाता है. इसके बाद गाइडेंस रडार उस टारगेट की पोजिशन लॉक करता है और मिसाइल लॉन्चर को निर्देश देता है. लॉन्च होते ही मिसाइल सीधे टारगेट की ओर बढ़ती है और कुछ ही सेकंड्स में उसे हवा में खत्म कर देती है. यही कारण है कि गुरुवार रात पाकिस्तान की एक भी मिसाइल जमीन पर नहीं पहुंच सकी.

S-400 की यह कामयाबी सिर्फ एक सिस्टम की नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच और तैयारी की जीत है. पाकिस्तान को ये समझ आ चुका है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा. भारतीय सेना की सतर्कता, S-400 जैसी तकनीक और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति ने दुश्मनों को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और जो आँख उठाएगा, उसे किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाएगा.

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Author: thebawal

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