Nepal Protest : नेपाल की राजधानी समेत पूरे देश में जनविरोध हिंसक विद्रोह में तब्दील हो गया है. युवा आंदोलनकारियों के आक्रोश के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है. संसद भवन, वरिष्ठ नेताओं के निजी आवास और सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया है. सेना ने ओली को हेलिकॉप्टर के जरिए अज्ञात स्थान पर पहुंचाया है. देश में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से अधिक घायल हैं.
हिंसा की शुरुआत उस वक्त हुई जब सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगाया, जिससे नाराज युवा सड़कों पर उतर आए. इन प्रदर्शनों में काठमांडू के मेयर बालेन शाह को अगला प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग भी प्रमुखता से उठ रही है. आंदोलन सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश में फैल चुका है और अब सत्ता के शीर्ष पर बैठे चेहरों को भी इसका सीधा सामना करना पड़ रहा है.
नेताओं पर हमले, घरों में तोड़फोड़ और आगजनी
पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को प्रदर्शनकारियों ने उनके घर में घुसकर पीटा, वहीं वित्त मंत्री विष्णु पोडौल को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया. वायरल वीडियो में एक प्रदर्शनकारी उनके सीने पर लात मारते हुए साफ दिखाई दे रहा है. इसके अलावा, गृह मंत्री, राष्ट्रपति, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, और पूर्व पीएम प्रचंड के आवासों को भी फूंक दिया गया है.
क्यों फूटा युवाओं का गुस्सा? आंदोलन की 7 बड़ी वजहें-
1. भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार : नेताओं के बच्चों की शानो-शौकत, विदेश यात्राएं और महंगे ब्रांड सोशल मीडिया पर जनता के गले नहीं उतरे.
2. सोशल मीडिया पर बैन : हजारों युवाओं की कमाई का जरिया छिन गया, अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला माना गया.
3. बड़े घोटाले : पिछले 4 सालों में तीन घोटाले सामने आए, जिनमें कुल मिलाकर 1.3 लाख करोड़ नेपाली रुपए की हेराफेरी हुई.
4. राजनीतिक अस्थिरता : केवल 5 वर्षों में 3 प्रधानमंत्री बदले. देउबा, प्रचंड और ओली, जिससे व्यवस्था में विश्वास टूटा.
5. बेरोजगारी और आर्थिक असमानता : बेरोजगारी दर 10.7% और सिर्फ 20% लोगों के पास 56% संपत्ति, युवाओं को मिला सिर्फ संघर्ष.
6. विदेशी दबाव : पहले अमेरिका और अब चीन, दोनों के प्रभाव में आए फैसलों ने देश को ‘ग्लोबल मोहरा’ बना दिया.
7. भारत से दूरी : ओली सरकार द्वारा लिपुलेख को नेपाली नक्शे में दर्शाना और चीन से नजदीकी, भारत से रिश्तों में आई दरार.
अब क्या चाहते प्रदर्शनकारी?
इस पूरे आंदोलन की एकजुट मांग है कि बालेन शाह को प्रधानमंत्री बनाया जाए. सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैशटैग्स में #BalenForPM और #NepalRevolution2025 टॉप पर हैं. बालेन शाह फिलहाल काठमांडू के मेयर हैं और युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं.
स्थिति अब भी तनावपूर्ण
राजधानी काठमांडू में सेना तैनात है, इंटरनेट आंशिक रूप से बहाल किया गया है लेकिन सोशल मीडिया अब भी बैन है. कई शहरों में कर्फ्यू लगा है और सरकार पूरी तरह बैकफुट पर नजर आ रही है. देश एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर है. या तो नई क्रांति की सुबह होगी या और बड़ा अंधकार.
