Rajasthan : थप्पड़कांड वाले नरेश मीणा को इस केस में मिली राहत, दोषी साबित नहीं कर पाई राजस्थान पुलिस

Picture of thebawal

thebawal

Rajasthan : नवंबर 2024 में देवली उनियारा सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था. यह मामला देशभर में काफी ज्यादा चर्चा में रहा था. नरेश मीणा जो कभी छात्र नेता था आज वो निर्दलीय विधायक बनने की जद्दोजहद में जेल में बंद है. लेकिन अब अदालत ने उसे 20 साल पुराने मामले में बरी करते हुए बड़ी राहत दी है. इस खबर में हम जानेंगे कि क्या है वो 20 साल पुराना मामला जिसमें नरेश मीणा को अदालत ने बरी कर दिया.

जयपुर की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 20 ने 1 मई को एक चौंकाने वाला फैसला सुनाया. कोर्ट ने 2004 में दर्ज राजकार्य में बाधा और पुलिस पर हमले के केस में नरेश मीणा को बरी कर दिया. हैरान करने वाली बात ये है कि इस मामले में पुलिस न तो सबूत दे पाई और न ही जांच को सही दिशा दे सकी. अदालत ने साफ कहा कि पुलिस आरोपी को दोषी सिद्ध करने में पूरी तरह नाकाम रही.

नरेश मीणा ने पुलिस पर करवा दिया था पथराव

ये मामला है 2004 का, जब राजस्थान यूनिवर्सिटी में घूमर नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा था. छात्र नेता नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ कार्यक्रम में जबरन स्टेज पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था. आरोप है कि पुलिस द्वारा रोके जाने पर नरेश ने छात्रों को उकसाया और पुलिस पर पथराव करवा दिया. इस हिंसा में कांस्टेबल मानसिंह समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे. मानसिंह ने ही गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी.

अदालत में खुली पुलिस की पोल

मगर जब केस अदालत में पहुंचा तो पुलिस की तैयारी का सच सामने आ गया. न मौका मुआयना रिपोर्ट, न घायल पुलिसकर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट, न रोजनामचा में एंट्री. जिस कांस्टेबल मानसिंह ने एफआईआर लिखवाई थी, वो कभी कोर्ट में गवाही देने ही नहीं आया. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस को भी नजरअंदाज किया गया. अदालत ने पूछा कि जब सरकारी कर्मचारी ड्यूटी पर था, तो रोजनामचा में एंट्री क्यों नहीं की गई? पुलिस इस सवाल का जवाब नहीं दे पाई और इसी लापरवाही के चलते आरोपी बरी हो गया.

अदालत ने नरेश मीणा को किया बरी

नरेश मीणा की ओर से वकील फतेहराम मीणा और अब्दुल वाहिद नकवी ने ज़ोरदार दलीलें पेश कीं. उन्होंने कहा कि इस केस में न तो कोई स्वतंत्र गवाह था, न ही कोई नागरिक सामने आया. सब गवाह सिर्फ पुलिसकर्मी थे. पीड़ित भी पुलिस, गवाह भी पुलिस तो फिर निष्पक्षता कहां? वकीलों का तर्क अदालत को समझ आया और जज खुशबू परिहार ने मीणा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.

नरेश मीणा वही शख्स हैं जो नवंबर 2024 में देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दिन एसडीएम को सरेआम थप्पड़ मारकर सुर्खियों में आए थे. उनके खिलाफ उस दौरान चार मामले दर्ज हुए और वे फिलहाल टोंक जेल में बंद हैं. अब 20 साल पुराने इस मामले में राहत मिलना कहीं न कहीं उनकी छवि को मज़बूती देगा या नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि पुलिस की जांच प्रणाली फिर एक बार सवालों के घेरे में है.

thebawal
Author: thebawal

Leave a Comment

Poll

क्या आप \"Bilaspur Happening.\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

Cricket Live

Rashifal

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स