Jaisalmer : जैसलमेर में पानी-बिजली का संकट ऐसा है कि आए दिन विरोध-प्रदर्शन और बवाल देखने को मिल जाता है. ऐसा ही हाल फतेहगढ़ तहसील की रासला ग्राम पंचायत में डूंगर सिंह की ढाणी का है. यहां पानी की ऐसी किल्लत है कि ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. पीएचईडी ने यहां पानी की टंकी तो बना दी लेकिन 3 साल के बावजूद इसमें पानी नहीं पहुंचा. गांव की भेड़-बकरियों तक को पानी नसीब नहीं हो पा रहा और मवेशियों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. इस वजह से ग्रामीणों को पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं. एक पानी का टैंकर 1300 रुपये का आता है जिससे ग्रामीणों पर आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है.
हैरान करने वाली बात तो ये है कि पास ही में एक सरकारी स्कूल भी है जिसमें 3 साल से पानी नहीं पहुंचा है. यहां 100-150 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन उनको पीने का पानी नहीं मिलता. मजबूरन वह घर से ही बोतल में पानी भरकर लाते हैं. अगर वह पानी खत्म हो गया तो वह पानी पीने के लिए स्कूल की छुट्टी होने का इंतजार करते हैं. पाइपलाइन भी बिछाई हुई है. लेकिन हालत ये है कि पाइपलाइन 10-15 जगह से टूटी हुई है. जलदाय विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई लेकिन इसके बावजूद कोई एक्शन नहीं हो रहा है. आइए सुनते हैं पानी के इस संकट पर एक ग्रामीण ने क्या कुछ कहा?
पानी की किल्लत पर लोगों ने बयां किया अपना दर्द
ढाणी वासियों में मनोहर सिंह, रेवंत सिंह, तेज सिंह और जसवंत सिंह सहित ग्रामीणों ने बताया कि डूंगर सिंह की ढाणी में स्थित जीएलआर में 3 साल से जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी हुई है. अनियमित व अपर्याप्त जलापूर्ति व्यवस्था के कारण यहां जीएलआर सुखी पड़ी है. लेकिन जलदाय विभाग के अधिकारी संतोष जनक जवाब भी नहीं दे रहे हैं.
