Jaisalmer : सीमावर्ती जैसलमेर जिले को लंबे इंतजार के बाद एक बड़ी चिकित्सा सुविधा की सौगात मिल गई है. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने जिले में बन रहे सरकारी मेडिकल कॉलेज को MBBS की 50 सीटों की स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कॉलेज में विद्यार्थियों का दाखिला शुरू हो सकेगा.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने जैसलमेर और टोंक दोनों जिलों के लिए 100-100 सीटों की स्वीकृति मांगी थी, लेकिन NMC ने फिलहाल 50-50 सीटें ही मंजूर की हैं.
325 करोड़ से हो रहा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार
रामगढ़ बायपास रोड पर करीब 47,975 वर्गमीटर में फैले इस मेडिकल कॉलेज और इससे जुड़े 345 बेड के नए जिला अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है. यह प्रोजेक्ट 325 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है, जिसमें 60% राशि केंद्र सरकार और 40% राज्य सरकार द्वारा वहन की जा रही है.
जिला पीएमओ डॉ. चन्दनसिंह तंवर के अनुसार, कॉलेज का शैक्षणिक ब्लॉक, हॉस्टल, मेस और अन्य जरूरी सुविधाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही संबंधित विभाग को हैंडओवर कर दी जाएंगी.
छात्र-छात्राओं के लिए तैयार हैं हॉस्टल, क्लासेस जल्द शुरू होंगी
कॉलेज परिसर में 50-50 बेड के गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल, आधुनिक लैब (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री), शैक्षणिक ब्लॉक और खेल मैदान जैसी आवश्यक सुविधाएं तैयार कर दी गई हैं. फर्स्ट ईयर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से तैयार है और काउंसलिंग के बाद क्लासेस शुरू होने की संभावना है.
मार्च 2026 तक 340 बेड का अस्पताल भी होगा तैयार
डॉ. तंवर के मुताबिक, मार्च 2026 तक 340 बेड वाला आधुनिक हॉस्पिटल भी पूरी तरह से कार्यरत हो जाएगा. यहां ओपीडी, आपातकालीन वार्ड, आईसीयू, ओटी कॉम्प्लेक्स, रेडियोलॉजी यूनिट, ब्लड बैंक और अत्याधुनिक लैब्स तैयार की जा रही हैं.
125 फैकल्टी पोस्ट स्वीकृत, जल्द होंगी नियुक्तियां
कॉलेज संचालन के लिए 125 फैकल्टी पदों को मंजूरी मिल चुकी है, जिन पर नियुक्तियां जल्द की जाएंगी. इससे शैक्षणिक और चिकित्सकीय संचालन को सुचारु रूप से प्रारंभ किया जा सकेगा.
सीमावर्ती क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा को मिलेगी नई उड़ान
यह मेडिकल कॉलेज न केवल जैसलमेर के स्थानीय युवाओं को चिकित्सा शिक्षा का अवसर देगा, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा. साथ ही, जैसलमेर जैसे पर्यटन स्थल पर आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को भी अब बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी.



