राजस्थान उच्च न्यायालय ने आरपीएससी (RPSC) की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में मनमाने फैसले पर रोक लगाते हुए जैसलमेर के अभ्यर्थी देवेंद्र सिंह को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि उन्हें निर्धारित तिथि पर इंटरव्यू में शामिल किया जाए।
मामला क्या है?
जैसलमेर निवासी देवेंद्र सिंह को असिस्टेंट प्रोफेसर (गणित) भर्ती परीक्षा में इंटरव्यू के लिए चयनित किया गया था। लेकिन 11 सितंबर को दस्तावेज सत्यापन के दौरान अचानक उन्हें प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। इससे न केवल उनका भविष्य प्रभावित हुआ बल्कि अन्य अभ्यर्थियों के बीच भी असुरक्षा का माहौल बन गया।
कोर्ट का रुख
देवेंद्र सिंह ने इस फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उनके वकील नृपराज सिंह भाटी (एएसएम लॉ चैंबर्स, जयपुर) ने तर्क दिया कि भर्ती विज्ञप्ति में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है, जिसके आधार पर अभ्यर्थी को बाहर किया जाए। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह मनमाना और पक्षपातपूर्ण निर्णय है।”
हाईकोर्ट ने आरपीएससी और यूजीसी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया और अंतरिम राहत देते हुए देवेंद्र सिंह को 16 सितंबर को इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया। आदेश के बाद आयोग ने तुरंत व्यवस्था की और अभ्यर्थी ने इंटरव्यू में भाग लिया।
अभ्यर्थी की प्रतिक्रिया
राहत मिलने पर देवेंद्र सिंह ने कहा, यह फैसला सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि सभी अभ्यर्थियों के लिए मिसाल है। हाईकोर्ट ने साबित कर दिया कि न्याय व्यवस्था पर भरोसा करना सही है।




