Rajasthan : राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर बवाल मच गया है. इसकी वजह ये है कि आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने सीधे एसओजी पर एक-एक करोड़ की घूस लेने का आरोप लगाया है. दरअसल, राजस्थान की राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल एसआई भर्ती घोटाले को लेकर धरने पर बैठे हैं. लेकिन इस बार मामला सिर्फ परीक्षा रद्द कराने की मांग का नहीं है. इस बार बेनीवाल ने आरोप सीधे प्रदेश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एसओजी पर लगाया है. इस खबर में हम बात करेंगे कि आखिर इन आरोपों के पीछे की सच्चाई क्या है?
हनुमान बेनीवाल ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि एसओजी ने कुछ थानेदारों को पकड़ा जरूर, लेकिन बाकी दोषियों को बचाने के लिए उनसे एक-एक करोड़ रुपए की रिश्वत ली गई. उन्होंने खुलकर आरोप लगाया कि यह पूरी जांच एक ‘मैनेज्ड शो’ बन चुकी है, जहां असली अपराधी बचाए जा रहे हैं और दिखावे के लिए कुछ नाम पब्लिक के सामने लाए जा रहे हैं. इस घोटाले को छिपाने की लाख कोशिशें की गईं लेकिन अब परत दर परत इसकी सच्चाई खुल रही है.
पहले भी गंभीर आरोप लगा चुके हैं हनुमान बेनीवाल
यह कोई पहला मौका नहीं है जब सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हो. इससे पहले भी उन्होंने भजनलाल सरकार के कई मंत्रियों और अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए थे. बेनीवाल ने कहा था कि एसआई भर्ती परीक्षा इसलिए रद्द नहीं हो रही है क्योंकि इसमें सरकारी मंत्रियों की महिला मित्रों का नाम शामिल है. अगर परीक्षा रद्द हुई तो वे चेहरे सामने आ जाएंगे, जिससे सरकार की साख बुरी तरह गिर सकती है. इसीलिए पूरे सिस्टम को दबाया जा रहा है और युवाओं का भविष्य बलि चढ़ाया जा रहा है.
सरकार के मंत्रियों पर भी है डमी कैंडिडेट बैठाने का आरोप
हनुमान बेनीवाल ने यह भी दावा किया है कि दो अभ्यर्थियों ने तो खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने वर्तमान सरकार के एक मौजूदा मंत्री को पैसे देकर परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाया था. यानी एक ऐसा रैकेट जो सिर्फ दलाल और माफिया नहीं, बल्कि सरकार के मंत्री भी चला रहे हैं. सोचिए, अगर मंत्री पैसे लेकर नकली उम्मीदवार को बैठा रहे हैं, तो उस भर्ती को कैसे जायज ठहराया जा सकता है. धरने में शामिल हज़ारों युवा अब आर-पार की लड़ाई की बात कर रहे हैं. बेनीवाल ने ऐलान किया है कि अब सिर्फ धरना नहीं होगा, सीएमओ और विधानसभा का भी घेराव किया जाएगा.
ये आंदोलन अब सिर्फ जयपुर तक सीमित नहीं रहेगा, ये पूरे राजस्थान में फैलाया जाएगा. सोशल मीडिया पर भी इस बयान के बाद आक्रोश बढ़ गया है. बेरोजगार युवाओं का कहना है कि अगर सरकार दोषियों को बचाएगी, तो वे चुप नहीं बैठेंगे. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या एसओजी सच में घोटालेबाज़ों से पैसे लेकर उन्हें बचा रही है? क्या सरकार परीक्षा इसलिए रद्द नहीं करवा रही क्योंकि उसके मंत्री खुद इसमें शामिल हैं? या फिर हनुमान बेनीवाल के आरोप सिर्फ एक राजनीतिक चाल है? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
