बाड़मेर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है जिस पर बवाल मचा हुआ है. ये वीडियो एक मीटिंग का है जिसमें कलेक्टर टीना डाबी, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक प्रियंका चौधरी नजर आ रही हैं. भरी मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ कि सीएमएचओ को बाहर निकाल दिया गया. लेकिन आखिर इसकी वजह क्या है कि भरी सभा में एक अधिकारी को ऐसे बेइज्जत किया गया? आइए जानते हैं.
बाड़मेर के जिला अस्पताल के बारे में बताया जाता है कि यहां सीटी स्कैन की मशीन 7-8 महीनों से खराब है और पिछले 2 साल से यह बार-बार खराब हो रही है. इसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. इस मुद्दे को सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक प्रियंका चौधरी ने भी उठाया जिसके बाद मीटिंग में मामला गरमा गया. इस मीटिंग में चर्चित आईएएस और बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी भी मौजूद थीं.
भरी मीटिंग से CMHO को क्यों निकाला गया बाहर?
सबसे पहले जिला परिषद सदस्य नरपतराज मूढ़ ने इस मुद्दे को उठाया तो बाड़मेर की निर्दलीय विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी और सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल भी बाड़मेर सीएमएचओ डॉ. विष्णुराम विश्नोई पर हावी हो गए. इसके जवाब में सीएमएचओ डॉ. विष्णुराम विश्नोई ने कहा कि “मैं अभी नया आया हूं, पता करके टेंडर प्रक्रिया के बारे में बता पाऊंगा.” सीएमएचओ के जवाब में जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने उनसे कहा कि “आप बाहर जाइए और अपने विभाग और बड़े अधिकारियों से बातचीत कर इसका जवाब लाइए कि आखिर सिटी स्कैन मशीन कब शुरू होगी और आमजन को राहत कब मिलेगी.” इसलिए सीएमएचओ डॉ. विश्नोई को मीटिंग के बीच से उठकर बाहर जाना पड़ गया.
आपको बता दें कि टेंडर प्रक्रिया को लेकर कई बार अस्पताल प्रशासन कोशिश कर चुका है लेकिन नियमों की आड़ में इसे टाल दिया गया. बताया जाता है कि नेताओं में इस बात को लेकर होड़ मची है कि वे अपने चहेतों को टेंडर दिलवाएं. इसी कशमकश में बाड़मेर के जिला अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन पिछले 7 महीनों से बंद पड़ी है और इसका खामियाजा बाड़मेर की जनता को भुगतना पड़ रहा है.
