BJP : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो गया है और लंबे समय से यह पद खाली चल रहा है. इसके बावजूद बीजेपी अभी तक अपने नेशनल प्रेसिडेंट का ऐलान नहीं कर पाई है. जून 2024 तक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था. लेकिन अब मोदी-शाह इस मूड में नहीं दिख रहे हैं. इस बात की प्रबल संभावना है कि अब बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष दक्षिण भारत से होगा. मोदी-शाह इस खास रणनीति के जरिए कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों को चारों खाने चित्त करना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी का अगला अध्यक्ष दक्षिण भारत से होने के क्या मायने हैं और इसका असर क्षेत्रीय दलों पर कैसे पड़ेगा?
बीजेपी ने हाल ही में कई राज्यों में चुनाव जीते, लेकिन दक्षिण भारत में अब भी उसकी पकड़ उतनी मजबूत नहीं है. खासकर तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पार्टी को अभी और मेहनत करनी होगी. 2024 लोकसभा चुनाव के बाद, पार्टी नए रणनीतिक बदलाव की ओर बढ़ रही है, और इसी कड़ी में नया अध्यक्ष दक्षिण भारत से आ सकता है. दक्षिण भारत से बीजेपी अध्यक्ष के लिए सबसे प्रबल दावेदारों में कर्नाटक के बीएल संतोष, तेलंगाना के किशन रेड्डी और कर्नाटक के सीटी रवि का चल रहा है. पार्टी अगर दक्षिण भारत से अध्यक्ष चुनती है, तो वहां के वोटर्स को जोड़ने में उसे काफी मदद मिलेगी. इससे इन राज्यों में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों की हालत खराब हो सकती है.
माना जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया मार्च के पहले हफ्ते में शुरू हो जाएगी. फरवरी के आखिरी तक 18 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही होली से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम फाइनल हो जाएगा. क्योंकि भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी कराया जा सकता है जब देश के कम से कम आधे राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव हो जाएं.
पिछले दस साल में पीएम नरेंद्र मोदी ने मोटे तौर पर अपनी मर्जी से पार्टी अध्यक्ष तय किए हैं लेकिन अब स्थितियां बदलती हुई नजर आ रही हैं. आरएसएस भी अब चाहता है कि इस बार बीजेपी अध्यक्ष संघ की पृष्ठभूमि से हो और दक्षिण से हो. हालांकि आरएसएस कभी सीधे तौर पर अपनी तरफ से नाम नहीं देता, लेकिन जो नाम मिलते हैं उस पर वह अपनी राय जरूर देता है और यहां राय किसी आदेश से कम नहीं होती. खास बात ये है कि पिछले 20 साल से दक्षिण से कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना है. 2002-2004 के बीच वेंकैया नायडू साउथ से बीजेपी के आखिरी अध्यक्ष थे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है. ऐसे में जिस भी नेता को अध्यक्ष चुना जाएगा उसका कार्यकाल 2028 में पूरा हो जाएगा और उसके 14 महीने बाद लोकसभा के चुनाव होंगे. इस बात की संभावना काफी कम है कि बीजेपी फिर किसी नए चेहरे पर दांव खेले. ऐसे में अभी जिसे अध्यक्ष चुना जाएगा उसका कार्यकाल बढ़ाकर 2029 का लोकसभा चुनाव उसी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. तो क्या बीजेपी का अगला अध्यक्ष दक्षिण भारत से होगा? इसका जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इस पर चर्चा ज़रूर तेज़ हो गई है। देखते हैं अब मोदी-शाह और पार्टी की टॉप लीडरशिप इसपर क्या फैसला लेती है.
