Rajasthan : राजस्थान के कद्दावर भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा अपने ही गेम में बुरे फंसते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने अपनी ही सरकार पर फोन टैप करने का आरोप लगाया था जिसके बाद पार्टी ने उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस भेज दिया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि किरोड़ीलाल मीणा ने बीजेपी से बगावत की हो, वसुंधरा सरकार में भी उनका हाल कुछ ऐसा ही था जिसके बाद उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी थी. तो क्या अब एक बार फिर किरोड़ीलाल मीणा बीजेपी को छोड़ने जा रहे हैं, ये इस समय राजस्थान की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल है. इन सब पर बात करेंगे लेकिन सबसे पहले हम बात कर लेते हैं कि बीजेपी ने अनुशासनहीनता के नोटिस में किरोड़ीलाल मीणा से क्या जवाब मांगा है.
नोटिस में उनसे पूछा गया है कि आप भाजपा के सदस्य है और पार्टी के टिकट पर सवाई माधोपुर क्षेत्र से विधायक है. आप राजस्थान सरकार में मंत्री भी है. आपने पिछले दिनों मंत्रिपरिषद से इस्तीफे की खबर न्यूज पेपर में छपवाने के लिए उपलब्ध करवाई और सार्वजनिक रूप से बयान देकर भाजपा सरकार पर फोन टैप कराने का आरोप लगाया, जो कि असत्य है. आपने बयान देकर भाजपा की बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है. इस बात को लेकर अब किरोड़ीलाल मीणा को जवाब देना है.
लेकिन जब उनसे इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे कारण बताओ नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है. मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं. जैसे ही मुझे नोटिस मिलेगा तो मैं तय समय में पार्टी नेतृत्व को इसका जवाब दे दूंगा.
किरोड़ीलाल का इस्तीफा अब भी नहीं हुआ मंजूर
अब हम बात करते हैं कि किरोड़ीलाल मीणा और भारतीय जनता पार्टी के बीच आखिर अब तक ऐसा क्या-क्या हुआ जिसकी वजह से बात यहां तक आ पहुंची. बात लोकसभा चुनाव के समय की है जब दौसा में बीजेपी की हार को लेकर किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह इस्तीफा अब भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास रखा हुआ है. इसके बाद उन्होंने एसआई भर्ती को रद्द करने की मांग की लेकिन जब बीजेपी ने उनकी ये बात नहीं मानी तो उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. इसके बाद उपचुनाव में किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन को पार्टी ने टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए. इससे गुस्साए बाबा ने यहां तक कह दिया था कि मेरे भाई को अभिमन्यू की तरह घेरकर मारा गया है. भाई बनकर पीठ में छुरा घोंपा है. इस तरह उन्होंने इशारों ही इशारों में सीएम भजनलाल को जिम्मेदार ठहरा दिया. इसके बाद जब किरोड़ीलाल मीणा पर केस दर्ज हुआ तो उन्होंने कहा कि मेरी ही सरकार में मेरे ही खिलाफ केस दर्ज हो रहे हैं.
फोन टैपिंग के आरोपों के बाद घिरी भाजपा
बाद में तो उन्होंने सरकार पर फोन टैप करने का ही आरोप लगा दिया जिसके बाद राजस्थान की राजनीति में उबाल आ गया. न केवल किरोड़ीलाल मीणा, बल्कि कांग्रेस नेता भी किरोड़ी के फोन टैपिंग मामले को लेकर विधानसभा में भजनलाल से सवाल पूछते दिखे. चारों तरफ से घिरते देख अब बीजेपी ने किरोड़ीलाल मीणा को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि किरोड़ीलाल मीणा और सीएम भजनलाल के बीच की ये जंग आखिर कहां जाकर खत्म होगी. यह भी चर्चाएं चल रही हैं कि अब बाबा बीजेपी के अंदर ज्यादा दिनों तक टिकने वाले नहीं हैं. उन्हें जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. ऐसे में क्या किरोड़ीलाल मीणा अकेले बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे या वह कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है. लेकिन एक बात तो तय है कि अगले कुछ महीनों में किरोड़ीलाल मीणा राजस्थान की राजनीति में बवाल मचाते रहेंगे. मैं आपके साथ ओमप्रकाश शर्मा और आप देख रहे हैं द बवाल, शुक्रिया.
