बाड़मेर की राजनीति में हलचल: मेवाराम जैन की कांग्रेस में घर वापसी
विवादों से घिरे रहे पूर्व विधायक, अब पार्टी में फिर से सक्रिय
बाड़मेर का नाम सिर्फ़ तपते रेगिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि हर वक्त गरम रहने वाली सियासत के लिए भी जाना जाता है। कभी चर्चा में रहते हैं शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, तो कभी काले मोज़ों वाले स्कैंडल के चलते सुर्खियों में आने वाले मेवाराम जैन।
अब बड़ी खबर ये है कि दो बार विधायक रह चुके वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी हो चुकी है।
काले मोज़े वाला विवाद और बाहर का रास्ता
करीब दो साल पहले एक वीडियो ने बाड़मेर की राजनीति में भूचाल ला दिया था। वीडियो में मेवाराम जैन को एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया। सोशल मीडिया पर इसे “काले मोज़े कांड” नाम मिला और कांग्रेस ने जैन को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
अब उनकी वापसी के साथ ये सवाल उठ रहा है कि क्या जनता उस विवाद को भुला पाएगी?
राजनीति और स्कैंडल्स – लंबा इतिहास
भारतीय राजनीति में नेताओं का विवादों से पुराना नाता रहा है। कुछ प्रमुख उदाहरण –
•महिपाल मदेरणा (2011)
गहलोत सरकार के मंत्री महिपाल मदेरणा भंवरी देवी केस में फंस गए। अवैध संबंधों का मामला हत्या तक जा पहुँचा और मंत्री पद छिन गया।
•बाबूलाल नागर
कांग्रेस सरकार के मंत्री रहे नागर बलात्कार केस में जेल गए, लेकिन बाद में राजनीति में वापसी की।
•मनोहर लाल धाकड़ (बीजेपी नेता, मंदसौर)
हाईवे पर क्वालिटी चेक के दौरान सीसीटीवी में महिला साथी के साथ आपत्तिजनक हालत में रिकॉर्ड हो गए।
•प्रज्वल रेवन्ना (जेडीएस, कर्नाटक)
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के पोते के लैपटॉप से कई महिलाओं की आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुईं।
•जगजीवन राम–सुरेश राम मामला
पीएम की रेस में शामिल बाबू जगजीवन राम को बेटे सुरेश राम के सेक्स स्कैंडल ने नुकसान पहुँचाया। उस वक्त ये तस्वीरें मेनका गांधी की मैगजीन में छपी थीं।
•एनडी तिवारी
यूपी के दिग्गज नेता और आंध्रप्रदेश के राज्यपाल एनडी तिवारी का महिलाओं संग वीडियो सामने आया। बाद में पितृत्व विवाद ने उनकी छवि को और चोट पहुँचाई।
क्या मिलेगा नया सियासी जीवन?
राजनीति में स्कैंडल्स और विवाद हमेशा नेताओं के करियर का हिस्सा रहे हैं। लेकिन कई नेता वापस लौटकर राजनीति में मजबूत भी हुए हैं।



