जैसलमेर। शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों का जमावड़ा लगातार परेशानी का सबब बना हुआ है। आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति तक सीमित हैं। पिछले महीनों के दौरान ऐसी दुर्घटनाओं में कई जाने यंहा घायल हो चुके है
शहर के ह्रदय स्थल गोपा चौक, सोनार दुर्ग, हनुमान चौक, पटवा हवेली मार्ग, गड़ीसर रोड, रामगढ़ रोड समेत कई प्रमुख सड़कों और बाजारों में मवेशियों का कब्जा रहता है। हालात यह हैं कि पर्यटक स्थलों और मुख्य बाजारों में भी गाय-भैंसों के झुंड सड़क के बीचों-बीच बैठ जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और हादसों की स्थिति पैदा होती है।
500 से ज्यादा मवेशी सड़कों पर l
नगर परिषद की लापरवाही के चलते शहर की सड़कों पर करीब 500 से अधिक आवारा मवेशी खुलेआम घूम रहे हैं। जबकि शहर के आसपास सात गौशालाएं संचालित हो रही हैं, जिन्हें इन मवेशियों को रखने के लिए तैयार किया गया था। सवाल यह है कि जब एमओयू (समझौता) हुआ तो उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है?
हादसों का डर l
पशुओं के झुंड की वजह से आए दिन दोपहिया और चौपहिया वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। कई बार तो पर्यटक भी इन हादसों की चपेट में आ चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अमला आंख मूंदे बैठा है।
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते विभाग l
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि नगर परिषद और जिम्मेदार अधिकारी केवल कागजों पर ही कार्रवाई दिखाते हैं। हकीकत यह है कि आवारा मवेशियों को न तो पकड़ा जा रहा है और न ही गौशालाओं तक पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो त्योहारों के सीजन में ट्रैफिक और हादसों की समस्या और विकराल हो जाएगी।
फैक्ट फाइल
शहर का दायरा : 5 किलोमीटर
सड़कों पर मवेशी : 500 से अधिक
गौशालाएं : 7




