जैसलमेर/बाड़मेर।
बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा में कांग्रेस के नाम से लगाए गए पोस्टरों पर बवाल खड़ा हो गया है। मेवाराम जैन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों वाले इन पोस्टरों को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कांग्रेस ने इन्हें फर्जी बताते हुए अपने संगठन से किसी भी तरह का संबंध न होने की बात साफ कही है।
कांग्रेस का आधिकारिक बयान
जिला कांग्रेस कमेटी बाड़मेर, बालोतरा और जैसलमेर के पदाधिकारियों की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि यह पोस्टर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगाए गए हैं और पार्टी संगठन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
जैसलमेर जिलाध्यक्ष उम्मेद सिंह तंवर ने स्पष्ट किया—कांग्रेस सदैव सकारात्मक राजनीति और लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखती है। इस तरह की गतिविधियां पार्टी की परंपरा का हिस्सा नहीं हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शहर में चर्चा का माहौल
बाड़मेर शहर के मुख्य बाजार, बस स्टैंड और चौराहों पर अचानक पोस्टर लगने के बाद समर्थक और विरोधी गुटों में हलचल मच गई। शनिवार को मेवाराम जैन की वापसी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया, वहीं समर्थकों ने पोस्टर विवाद पर पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग उठाई।
राजनीतिक मायने
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला सिर्फ पोस्टरबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी को भी उजागर करता है।
•एक गुट चाहता है कि मेवाराम जैन जैसे पुराने नेताओं को जोड़कर संगठन मजबूत किया जाए।
•जबकि दूसरा गुट मानता है कि इससे असंतोष बढ़ेगा।
विश्लेषकों के अनुसार जैन की वापसी से बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र की राजनीति में समीकरण बदल सकते हैं। यही वजह है कि विरोधी गुट नाराज़गी जाहिर करने के लिए पोस्टरों का सहारा ले रहा है।
प्रशासन की सक्रियता
विवाद बढ़ते ही नगर परिषद ने शहरभर से पोस्टर हटवा दिए। पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
कलेक्टर और एसपी को कांग्रेस जिलाध्यक्ष की ओर से लिखित शिकायत दी गई है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों की पहचान होते ही कार्रवाई की जाएगी।





