जैसलमेर में ओरण और गौचर भूमि को बचाने की लड़ाई और तेज हो गई है। कई दिनों से चल रहा धरना अब आक्रोश में बदलता दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों और संतों ने प्रशासन के आश्वासनों को “लॉलीपॉप” बताते हुए बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।
रैली और धरना: प्रशासन पर बढ़ा दबाव
पिछले शुक्रवार को जैसलमेर में ओरण संरक्षण आक्रोश रैली आयोजित की गई। इसमें सैकड़ों ग्रामीण, संत-महात्मा और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सभा में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें ओरण-गौचर भूमि का सीमांकन, अतिक्रमण हटाने और कानूनी सुरक्षा जैसे ठोस कदम उठाने की मांग रखी गई।
सभा में विधायकों ने भी प्रशासन को कड़ा संदेश दिया। हालांकि, ग्रामीणों ने आश्वासन को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा – “अब और नहीं मानेंगे, ठोस कार्रवाई तक संघर्ष जारी रहेगा।”
छोटू सिंह का बड़ा बयान
जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में धरनाकारियों को समर्थन देते हुए कहा –
“धरना क्यों चल रहा है, यह सबको पता है। लेकिन मैं भरोसा दिलाता हूं कि जैसलमेर और पोकरण, दोनों विधायक आपके साथ हैं। कमेटी बनाकर हम मुख्यमंत्री से मिलेंगे और आपकी हर मांग को पूरा करवाएंगे।”
भाटी ने इसे सिर्फ जैसलमेर नहीं, बल्कि पूरे मारवाड़ का मुद्दा बताते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी गौचर भूमि को लेकर फाइलें भेजी हैं और आगे भी भेजेंगे।
बाड़मेर नेताओं पर निशाना
प्रेस कॉन्फ्रेंस का सबसे चर्चित हिस्सा वह रहा जब छोटू सिंह ने बाड़मेर के नेताओं पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा –
“बाड़मेर में भी गौचर की समस्या है, लेकिन वहां के नेता कुछ नहीं कर पाए। यहां आकर भाषण देकर चले जाते हैं। पहले अपना घर सुधार लें, हम अपना घर सुधार लेंगे।”
उन्होंने अन्य जिलों के विधायकों पर भी चुटकी ली और कहा –
“घर का काम घर के लोग ही करेंगे। बाकी लोग सिर्फ स्पीच देने आते हैं। हमारे नेता पहले से यहां मौजूद हैं और हमने जमीनी स्तर पर काम किया है।



